Big brother in Hindi Moral Stories by अजय भारद्वाज books and stories PDF | बिग ब्रदर भाग - 1

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बिग ब्रदर भाग - 1

सूरजपुर छोटा से एक गाँव जहा गोपाल अपनी पत्नी सितादेवी दो बेटो विजय और संजय दो बेटियों रिया और गरिमा के साथ रहता है परिवार की सारी जिमेदारी गोपाल के कन्धों पर है गोपाल चाहता है उसके चारो बच्चे पढ़ लिख कर एक अच्छी जिंदगी जिये और गोपाल अपनो चारो बच्चो को बचपन से यही शिक्षा देता आया है गोपाल के चारो बच्चो मे सबसे ज्यादा समझदार बड़ी बेटी रिया और बड़ा बेटा विजय दोनों बहन भाई पढ़ने लिखने मे कुछ ज्यादा ही निपुण् थे दोनों हमेशा कक्षा मे अव्वल ही आते थे जिन्हे देख कर गोपाल का शीना चौडा हो जाता था पूरे गाँव मे गोपाल के दोनों बच्चो की खूब मिसाल दी जाती थी आस पड़ोस के लोग अपने बच्चो को विजय और रिया की मिशाल देकर बोलते थे बच्चे हो तो रिया और विजय की तरह दोनों अपने माता पिता का कितना ख्याल रखते है स्कूल से आने के बाद दोनों भाई बहन गोपाल के पास सीधा खेतो मे जाकर हर काम मे हाथ बटाते थे गोपाल का परिवार हंसी खुशी अपनी जिंदगी बिता रहा था गोपाल खुश था दोनों बचो को देख कर जो गोपाल की हर बात को हुकुम समझ कर पालन करते थे गोपाल हमेशा विजय को एक बड़े भाई की तरह समझाता था की उसे अपने बहन भाईयो का ख्याल रखना है बिल्कुल बड़े भाई की तरह कभी भी उसके बहन भाईयो पर कोई भी मुसीबत आये तो विजय को ड्टकर मुसीबतो का सामना करना है विजय भी बलीभाति सब समझता था और गोपाल को हमेशा कहता था देखना पिताजी एक दिन आपको बेटा आपका नाम रोशन करेगा गोपाल खुश था अपनी छोटी सी दुनिया मे ये सोचकर उसका बेटा बड़ा हो रहा है और उसकी सारी जिमेदारी अपने कंधों पर उठा लेगा पर बुरा समय एक ऐसी चीज है जब आता है तो बड़े बड़े राजा को भी रंक बना देता है ऐसा ही हुआ एक दिन गोपाल के साथ भी जब गोपाल देर रात तक अपने घर नि पहुँचता है तो सबको गोपाल की बहुत चिंता होने लगती है गोपाल की पत्नी बड़े बेटे विजय को बुलाकर कहती विजय तेरे पिताजी आज सुबह से घर नि आये है जाकर एक बार खेतो मे देख आ अभी तक तेरे पिताजी क्या कर रहे है सुबह से शाम होने को है नाही तेरे पिताजी दोपहर मे खाना खाने आये है बेटा मुझे कुछ अनहोनी नजर आ रही मेरा दिल घबरा रहा है तु जल्दी से जा बेटा और अपने पिताजी को लेकर जल्दी घर आ जा सब साथ बैठकर खाना खायेंगे जब विजय ने ये सुना तो तुरन्त खेतो तरफ चल दिया रास्ते मे चलते चलते बार विजय के मन मे एक ही ख्याल आ रहा था की पिताजी अभी तक घर क्यो नि पहुँचे है जैसे ही विजय अपने खेतो पर पहुँचता वहाँ भीड़ देख कर उसके पैर कापने लगते है खेतो को चारो तरफ से पुलिस ने घेर रखा था तभी विजय को देखकर गोपाल के चाचा दिनकर विजय को बताते है गोपाल की लाश मिली है खेतो मे आचानक से ये सुनकर विजय होश खो बैठता और चक्कर खाकर वही गिर जाता है जब विजय को होंश आता है तो वो देखता है की वो गाँव के हॉस्पीटल मे है विजय को होश मे आया देखर सिस्टर तुरंत दरोगा को इतला करती है विजय को होश आ गया है दरोगा नरेश तुरंत विजय के सामने खड़ा होकर बोलता है विजय हमे तुम्हारे बाप गोपाल की लाश मिली जिसको बड़ी करुरता से मारा गया है चेहरा बिल्कुल जला दिया गया है बॉडी की सिनाख़्त करनी है तुम्हे मेरे साथ मोर्चारी मे चलना होगा विजय के हाथ पांव कांप रहे थे दरोगा नरेश की बात सुनकर विजय को कुछ समझ नि आ रहा था एकदम से ये सब क्या हो गया डरते डरते विजय दरोगा नरेश के साथ मॉर्चरि मे जाने लगा विजय बार बार गॉड से यही दुआ कर रहा था की उसके पिताजी गोपाल सही सलामत हो जैसे ही लाश के चेहरे से कपड़ा हटाया जाता है तो विजय एकदम से चौक कर दरोगा नरेश को बोलता है ये मेरी पिताजी गोपाल नी है दरोगा नरेश सोचता है विजय का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है तभी वो ऐसा बोल रहा है पर विजय ने जो बात दरोगा नरेश को बताई उसे सुनकर दरोगा के पैरो तले जमीन खिसक गयी किसकी थी वो लाश और गोपाल कहा चला गया और विजय ने ऐसी क्या बात दरोगा नरेश को बतायी जानने के लिए पढ़ते रहे बिग ब्रदर का अगला भाग जोकि आप सब रीडर की डिमांड पर जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा
अजय भारद्वाज